कहानी, एक वैज्ञानिक की—जो रसायन विज्ञान की नींव रख गया, पर जिसे विज्ञान की सबसे बड़ी पहचान कभी नहीं मिली।
अध्याय 1: आरंभ—एक असाधारण प्रतिभा का जन्म
Lewis की सोच परंपरागत वैज्ञानिकों से अलग थी। जहां अधिकांश वैज्ञानिक आविष्कार को लक्ष्य मानते थे, Lewis विज्ञान को एक कला की तरह जीते थे। उन्हें रासायनिक बंधों (chemical bonds) को समझने में गहरी रुचि थी, और यहीं से शुरू हुई एक ऐसी यात्रा जो रसायन विज्ञान के इतिहास में अमिट छाप छोड़ने वाली थी।
अध्याय 2: विज्ञान को सरल करने वाला जादूगर
सन् 1916 में Lewis ने एक ऐसा सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसने लाखों छात्रों और शिक्षकों के लिए रसायन को समझना आसान बना दिया। “Lewis dot structures” और “Octet Rule”— दो ऐसे शब्द जो आज भी हर विज्ञान शिक्षक की भाषा का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि परमाणु एक दूसरे के साथ इलेक्ट्रॉनों का जोड़ा साझा करके स्थायित्व प्राप्त करते हैं। इस दृष्टिकोण से छात्रों को यह समझने में मदद मिली कि अणु कैसे बनते हैं, कैसे टूटते हैं और क्यों वे एक-दूसरे से प्रतिक्रिया करते हैं।
अध्याय 3: Lewis Acid-Base थ्योरी—एक क्रांति
1923 में, Lewis ने एक और क्रांतिकारी विचार दुनिया के सामने रखा—Lewis acid-base theory। यह सिद्धांत उस समय की मौजूदा थ्योरी से एकदम अलग था। Arrhenius और Brønsted-Lowry जैसे वैज्ञानिकों की परिभाषाएं केवल उन यौगिकों तक सीमित थीं जो जल में घुलकर H⁺ या OH⁻ आयन बनाते थे। लेकिन Lewis ने एक सार्वभौमिक दृष्टिकोण दिया:
“Acid वह है जो इलेक्ट्रॉन जोड़ा स्वीकार करे, और Base वह जो इलेक्ट्रॉन जोड़ा दान करे।”
अध्याय 4: Nobel से दूरी—एक चुपचाप जलती आग
इतने अद्वितीय योगदानों के बावजूद, G.N. Lewis को कभी Nobel Prize नहीं मिला क्यों?
PDF लेख “The Mystery of G.N. Lewis’s Missing Nobel Prize” में यह बात स्पष्ट की गई है कि उनके नामांकनों को वैज्ञानिक योग्यता की तुलना में व्यक्तिगत पसंद-नापसंद के आधार पर जांचा गया।
अध्याय 5: अंतिम दिन—एक रहस्य
23 मार्च 1946 को, Berkeley की प्रयोगशाला में G.N. Lewis मृत पाए गए। कारण बताया गया—hydrogen cyanide गैस का रिसाव। कुछ ने कहा यह एक प्रयोगशाला दुर्घटना थी, कुछ ने आत्महत्या। लेकिन जो बात सबसे ज़्यादा चुभती है, वह है यह तथ्य कि उन्होंने उस दिन Linus Pauling से एक लंबी बहस की थी—एक ऐसा वैज्ञानिक जिसे बाद में Nobel Prize मिला, उसी क्षेत्र में जिसमें Lewis को पहले ही क्रांति करनी थी।
अंतिम अध्याय: एक अधूरी विरासत… जो आज भी जीवित है
Lewis की मृत्यु के दशकों बाद भी, उनकी खोजें विज्ञान की शिक्षा और प्रयोगशालाओं की धड़कन बनी हुई हैं। हर बार जब कोई छात्र Electron Dot Structure सीखता है, हर बार जब कोई शिक्षक Acid-Base थ्योरी समझाता है—Lewis का नाम बिना लिए भी वह कक्षा में मौजूद होते हैं।